कुपोषण जहां पर इंसान को भरपेट भोजन ना मिलना या फिर ऐसा भोजन जिस में पर्याप्त मात्रा में पोषण ना हो |और भोजन का समय पर ना मिलना ज्यादातर या बीमारी ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्रों में होते हैं | कुपोषण के शिकार ज्यादातर बच्चे और महिलाओं महिलाएं होते हैं | इनके शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाते हैं | इस कारण से कोई भी बीमारी के शिकार हो जाते हैं| कुपोषण पर्याप्त मात्रा में भोजन ना मिलना |कुपोषण हर देश में लोगों को प्रभावित करता है |आयरन की कमी के कारण दुनिया भर में 53 करोड़ महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त हैं |http://Malnutrition in Hindi-कुपोषण
कुपोषण एक गंभीर समस्या है |समस्या के साथ-साथ यह एक गंभीर स्थिति भी है | क्योंकि जब इंसान को भरपूर भोजन नहीं मिलता या फिर ऐसा भोजन मिलता है जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं होता | कुपोषण कहलाता है| क्योंकि प्रत्येक मनुष्य को भोजन तो चाहिए ही चाहिए अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ऊर्जा और पोषक तत्व आवश्यक है | आप जो भोजन खाते हैं उसमें उपस्थित प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज जो आपके शरीर को स्वस्थ रखते हैं | जीन मनुष्य को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते वह कुपोषण से पीड़ित हो जाते हैं |http://Malnutrition in Hindi-कुपोषण
कुपोषण के लक्षण-Malnutrition symptoms in Hindi
ठंड ज्यादा लगना, चिड़चिड़ापन थकान या उदासीनता असामान्य रूप से शरीर का तापमान कम होना | सांस लेने से संबंधित परेशानियां शरीर से असामान्य रूप से फैट कम होना | यदि कैलोरी की कमी लंबे समय तक जारी रहती है | तो हार्ट लीवर और फेफड़े फ़ेल् हो सकते है | बालों का झड़ना और कमजोर होना |
बच्चों में कुपोषण के लक्षण- (Symptoms of malnutrition in Children)
ज्यादातर देखा गया है कुपोषण स्थिति बच्चों में ज्यादा पाई गई है आमतौर पर धीमी गति से व्यवहारिक और बौद्धिक विकास का अनुभव करते हैं मानसिक डिसऑर्डर और पाचन तंत्र में दिक्कत होती |
1.शरीर की वृद्धि रुकना।
2. मांसपेशियाँ ढीली होना अथवा सिकुड़ जाना।
3. झुर्रियाँ युक्त पीले रंग की त्वचा।
4. कार्य करने पर शीघ्र थकान आना।
5. मन में उत्साह का अभाव चिड़चिड़ापन तथा घबराहट होना।
6. बाल रुखे और चमक रहित होना।
7. चेहरा कान्तिहीन, आँखें धँसी हुई तथा उनके चारों ओर काला वृत्त बनाना।
8. शरीर का वजन कम होना तथा कमजोरी।
9. नींद तथा पाचन क्रिया का गड़बड़ होना।
10. हाथ पैर पतले और पेट बढ़ा होना या शरीर में सूजन आना (अक्सर बच्चों में)। डॉक्टर को दिखलाना चाहिए। वह पोषक तत्त्वों की कमी का पता लगाकर आवश्यक दवाइयाँ और खाने में सुधार के बारे में बतलाएगा।
हाथ पैर पतले और पेट बढ़ा होना या शरीर में सूजन आना (अक्सर बच्चों में)। डॉक्टर को दिखलाना चाहिए। वह पोषक तत्त्वों की कमी का पता लगाकर आवश्यक दवाइयाँ और खाने में सुधार के बारे में बतलाएगा।
कुपोषण के कारण – (Causes of Malnutrition )
कुपोषण की स्थिति विकासशील और विकसित दोनों देशों में पाई गई है | पोषक तत्वों के अवशोषण के साथ पाचन संबंधी समस्याएं ऐसी बीमारियां जो पोषण का कारण बनती हैं | जैसे आंतों में इंफेक्शन,बहुत ज्यादा शराब पीना, शराब पीने से पोषक तत्वों की खपत होती है |
शारीरिक कारक (Physical factors)
- यदि आपके दांतों में प्रॉब्लम है |उस प्रॉब्लम की वजह से आप भरपूर भोजन नहीं खा पाते |
- यदि आप गंद या स्वाद लेने की स्थिति को खो चुके हो | इससे भी आपकी भूख पर बुरा प्रभाव पड़ेगा |
- इसके अलावा कई लोगों को ज्यादा खुश होने पर भीम भूख नहीं लगती या फिर ज्यादा दुखी होने पर भी भूख नहीं लगती यह भी एक Eating Disorder है |
सामाजिक परिस्थितियाँ (Social factors)
घर पर उपचार (Treatment at home)
यदि घर पर किसी Nutritionist की निगरानी में आपका इलाज किया जाता है, तो आप अपने आहार में किए जाने वाले परिवर्तनों के बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से चर्चा कर सकते हैं।
आहार योजनाएं -आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करेंगी, लेकिन संभावना है कि आपको धीरे-धीरे ऊर्जा (कैलोरी), प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, तरल पदार्थ, खनिज और विटामिन का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाए।Nutritionist की निगरानी में आपका इलाज किया जाता है तो इससे भी कुछ हद तक समस्याएं सॉल्व हो सकती हैं |Malnutrition in Hindi-कुपोषण |
चिकित्सा या उपचार (Treatment in hospital)
- Protein energy malnutrition medication
- Malnutrition treatment in Ayurveda
- Malnutrition treatment in child
- Malnutrition diet plan
- Malnutrition supportive therapy
- Prealbumin blood test
- Multivitamins
प्रेगनेंसी कंसीव के दौरान लापरवाही
प्रेगनेंसी के समय शरीर में काफी बदलाव आते हैं इनसे काफी समस्याएं नहीं होती हैं अगर समय पर इनका ध्यान नहीं रखते हैं तो तकलीफ ज्यादा बढ़ जाती है डिलीवरी के बाद सारी प्रॉब्लम खत्म हो जाते हैं यह सब प्रॉब्लम हारमोंस के उतार-चढ़ाव असंतुलित भोजन की वजह से आती हैं जैसे कब्ज का होना यह प्रॉब्लम सभी महिलाओं को होती है अगर इसका ध्यान ना रखा जाए तो इससे बवासीर हो सकती है और इन एनीमिया या खून की कमी भी हो जाती है ब्लड प्रेशर हाई हो ना स्ट्रेस रखना या डिप्रेशन मैं जाना आमतौर पर 20 हफ्ते की गर्भावस्था के बाद ऐसा होता है क्योंकि प्रेगनेंसी में महिला का वजन धीरे धीरे बढ़ता है और खून की मात्रा भी दोगुनी हो जाती है लेकिन इस पर ध्यान देना उतना ही जरूरी है क्योंकि ब्लड प्रेशर हाई होने की वजह से डिलीवरी में प्रॉब्लम आ सकती हैं साथ ही मां और बच्चे को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है
प्रेगनेंसी में लीवर की प्रॉब्लम
गर्भवती महिलाओं को लिवर से जुड़ी बीमारी Hepatitis E हो सकती है आम आदमी के लिए Hepatitis E इतनी कॉम्प्लिकेटेड नहीं होती जितनी गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा हो सकती है |
अब आप लोग सोच रहे होंगे की Hepatitis E होता क्या है | Hepatitis E दूषित पानी या दूषित भोजन को ग्रहण करने और कच्चे या अधपके Shellfish को खाने से Hepatitis E फैलने की संभावना अधिक होती है |वैसे तो अन्य देशों की अपेक्षा भारत में Hepatitis E ना के बराबर है | लेकिन फिर भी इससे सुरक्षित और अलर्ट रहने की जरूरत है |
गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचने के लिए जरूरी न्यूट्रिशंस
प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, तरल पदार्थ, खनिज और विटामिन का सेवन और कैल्शियम से भरपूर चीजें खानी चाहिए ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां और फल, दूध, पनीर, विटामिन B12 ,आयरन, साबुत अनाज , ब्राउन राइस, दाल और घी डाइट में शामिल करना चाहिए |
कुपोषण से बचने के उपाय
- गर्भवती महिलाओं को खानपान में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए |
- ज्यादा से ज्यादा संतुलित आहार का सेवन करें |
- सही समय पर डॉक्टर से उचित सलाह लें |
- फल और सब्जियां दूध, पनीर, दही, मांस, मच्छी,अंडे प्रोटीन के अन्य स्रोतों को भी शामिल करें |
- बच्चों के लिए गाय का शुद्ध दूध, पनीर, दही आदि खिलाएं |
FAQs
Q.1 कुपोषण कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans. कुपोषण मुख्यत: 3 रूपों में नजर आता है |
1. जन्म के समय कम वजन
2. बचपन में बाधित विकास
3. अल्प रक्तता
Q.2 कुपोषण के कारण होने वाले रोग ?
Ans- कुपोषण की स्थिति विकासशील और विकसित दोनों देशों में पाई गई है | पोषक तत्वों के अवशोषण के साथ पाचन संबंधी समस्याएं ऐसी बीमारियां जो पोषण का कारण बनती हैं | जैसे आंतों में इंफेक्शन,बहुत ज्यादा शराब पीना, शराब पीने से पोषक तत्वों की खपत होती है | स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी और यहाँ तक कि अंधत्व भी कुपोषण के ही दुष्परिणाम हैं।
Q.3 भारत में कुपोषण के मुख्य कारण क्या है ?
Ans- अकेलापन, गंदी आदतें-शराब नशीले पदार्थों का ज्यादा सेवन करना, भुखमरी या गरीबी |
Ans- गर्भवती महिलाओं को लिवर से जुड़ी बीमारी Hepatitis E हो सकती है आम आदमी के लिए Hepatitis E इतनी कॉम्प्लिकेटेड नहीं होती जितनी गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा हो सकती है |अब आप लोग सोच रहे होंगे की Hepatitis E होता क्या है | Hepatitis E दूषित पानी या दूषित भोजन को ग्रहण करने और कच्चे या अधपके Shellfish को खाने से Hepatitis E फैलने की संभावना अधिक होती है |वैसे तो अन्य देशों की अपेक्षा भारत में Hepatitis E ना के बराबर है | लेकिन फिर भी इससे सुरक्षित और अलर्ट रहने की जरूरत है |
Q.7 कुपोषण का खुद इलाज करने के तरीके ?
Ans.-प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, तरल पदार्थ, खनिज और विटामिन का सेवन और कैल्शियम से भरपूर चीजें खानी चाहिए ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां और फल, दूध, पनीर, विटामिन B12 ,आयरन, साबुत अनाज , ब्राउन राइस, दाल और घी डाइट में शामिल करना चाहिए |